इश्क़

एक बूंद इश्क की तलाश में, 

पूरे समंदर को डुबाए बैठे हैं.. 

ये तेरे इश्क का ही तो खुमार है, 

जो हम दुनिया भुलाए बैठे हैं.. 

इस कदर खोए है तेरी यादों में, 

की लगता है सोए हुए हैं तेरी बाहों में.. 

अब तो तेरी तस्वीरें भी मुझे छेड़ जाती है, 

 जैसे नदियों में लहरें गोते कहा जाती है.. 

तेरे प्यार में दीवाने हुए कुछ ऐसे, 

सावन में बरस रहा हो मेघ जैसे.. 

की अब तेरी बे कहीं बातें भी गूंज जाती है कानों में इस तरह, 

जैसे सुना रहा हो कोई मधुर गीत, सरगम की तरह.. 

तु भले ही मुझ से दूर सही, 

तेरी यादों की खुशबु है आस पास ही कहीं.. 

तु क्या जाने तेरे इश्क में मैं क्या बनी, 

बस यूँ समझ ले, बिन कान्हा साथ पाए राधा बनी.. 

तु सिर्फ इश्क नहीं मेरा, 

मेरे होने का सबब है.. 

तुझे ना पा सकीं तो क्या हुआ, 

तेरे होने का सुकून तो है.. 

बस यही काफी है मेरे लिए, 

ये जिंदगी गुजरने को.. 

..

जरूरी नहीं जिसे हम प्यार करे वो हमें मिल ही जाये और प्यार करे..
लेकिन इस से हमारा प्यार कम नहीं होना चाहिए,
क्यूँकी अपने प्यार की खुशी में जो खुश होते हैं वही तो सच्चे प्रेमी खेलते हैं..

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