Ghazal | 02
तेरे बिना अधूरी है, ये ख्वाबों की दुनियां
जिंदगी की राहों में, बस तन्हाई है छाया.
तेरी यादों का साया, हर शाम के साथ है
दिल में बसी है तू, लेकिन अब तेरा क्या किया?
खुशियों की गूंज थी, अब सन्नाटा है चारों ओर
तेरे बिना इस दिल में, बस दर्द की परछाई है छायी.
तू जब से दूर गया, सब कुछ बेजान सा है
प्यार की उन यादों में, अब सिर्फ सिसकियाँ हैं बिछी...
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