उड़ान सपनो की

किस्मत से हारके
इतना सब्र रखके
हाथ लगी तो मायूसी
आँखों में छाई नमी
ना मिली कहीं सफलता
ना हुआ मंज़िल का पार रस्ता

उम्मीद पे जीते जीते कट गया वक़त
खुदा जाने कब करेगा मेरी ज़िन्दगी में किरण
इन सब झमेलो में खो गई मेरी ज़िन्दगी
टूट गए सपने कई

संघर्ष भरी दुनिया मेरी
भरना चाहती है अपने सपनों की उड़ान
लिया है एक कदम अपने सपनों की ओर
ना फल की चिंता ना किसीका खौफ
मेरी उड़ान को मिले मंज़िल
बस इतनी सी है ख्वाइश

- पलक

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