भाग-3
5.जीना मेरे लिए
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प्यार की शमां ह्रदय में जलाए रखना।
दिल से मेरा फोटो लगाए रखना।
बिछडते हैं जो जहाँ में वो मिलते जरूर हैं,
तुम इंतजार के दिपक हमैशा जलाए रखना।
समय कम है तो क्या इस लम्बे सफर में,
बस विश्वास ह्रदय में अपने जगाए रखना।
जीत लेता है प्यार नफरत के मैदानों को,
इस तथ्य को ह्रदय में अपने समाए रखना।
है जरूरी प्रकाश कायनात में ऐ दोस्त,
मगर आग से घर अपना बचाए रखना।
जाने के बाद याद आऔ जमाने को रोज,
ऐसा कर्मों का प्रवाह हमेशा बनाए रखना।
लगने ना देना दामन पर कालिख 'कश्यप' कभी,
जिंदगी का दस्तूर हमेशा ऐसा बनाए रखना।
-अरूण कश्यप
6.तुम्हारे हुए हम
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तेरे संग सप्त पदों के द्वारा।
सौंप दिया तुझे ये जीवन सारा।
साथ मत छोड़ना कभी सफर में,
सदा साथ निभाना तू हमारा।
पकड़े रखना तू पतवार इस नाव की,
जब तक मिल ना जाए इसे कोई किनारा।
हुई कभी परेशानी अगर मुखातिब हमसे,
तो ह्रदय ने बस तुझे ही पुकारा।
तेरे बिना हमारा क्या वजूद यहाँ,
नहीं हमें कोई दुसरा सहारा।
ना छोडेंगे कभी साथ जमाने में 'कश्यप',
खाते हैं कसम सर पर हाथ रखकर तुम्हारा।
-अरूण कश्यप
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