तारों का एक शहर

6 महीने बाद

इन 6 महीनों में अश्लेषा ने आर्यन को जितनी चिट्ठियां लिख डाली, उनकी गिनती भी अश्लेषा को याद नहीं थी. पर कभी उनका जवाब नहीं आया. आता भी कैसे हर रोज़ हज़ारों लड़कियां उसे खत भेजती थीं, अश्लेषा ने Filmfare मैगज़ीन में पढ़ा था .खबरें तो ये भी थीं की अमरीकी band Backstreet बॉयज भी आर्यन के साथ collaborate करना चाहते थे. In ६ महीनों में आर्यन के दो एल्बम आ चुके थे- उसके पिछले तीन एल्बम से बिलकुल अलग. जहां आर्यन के पहले गानों में एक मासूमियत और सादापन था, मगर in ६ महीनों में रिलीज़ हुए गानों में एक अलग ही आर्यन था. बेपरवाह, दिलफेंक, चार्मिंग... और अश्लेषा असमंजस में थी कि उसे कौन सा आर्यन ज़्यादा पसंद है. अब तो रेडियो पर उसके इंटरव्यू में भी एक अजीब सा अंदाज़ आ गया था जिस पर एंकर भी रीझ जाती. जो भी हो, आज अश्लेषा पता लगा कर रहेगी कि असली आर्यन है कौन? अश्लेषा ने अपने कमरे की दीवार पर लगे मास्क पहने हुए आर्यन के पोस्टर से कहा . हाय! उसकी समुन्दर से गहरी हरी आँखें. उन्हें देखकर ही कोई भी लड़की फ़िदा हो जाये!

मुंबई, दिल्ली को छोड़कर आर्यन ने सावंतवाड़ी में कॉन्सर्ट करने की कैसे सोची, ये कोई समझ नहीं पा रहा था मगर अश्लेषा की तरह सावंतवाड़ी की हर लड़की को लग रहा था जैसे आर्यन उसी के लिए यहां आ रहा हो. अश्लेषा ने फ्रंट रो की टिकट ली थी. कल आर्यन को पहली बार देखने की ख़ुशी में अश्लेषा रात भर नहीं सोई. जैसे तैसे उसने शाम तक इंतज़ार किया.बार बार अपना सलवार कुरता बदलती, और ये अच्छा नहीं है ये कहकर दूसरा कुरता बदलने चली जाती. आख़िरकार, वो लाल रंग का मधुबनी स्टाइल कुर्ता aur सरसों रंग की लेग्गिंग के साथ सुनेहरा दुपट्टा लिया. आँखों में काजल, और कानो पर दो बड़ी बड़ी बालियाँ उस पर बड़ी फब रही थी.

"अश्लेषा बेटा. कॉन्सर्ट में अनिरुद्ध को लेकर चली जाना. बहुत लेट हो गया है," सुधीर ने कहा.

"बाबा,. मैं कॉन्सर्ट जा रही हूँ, स्टडी टूर नहीं," अश्लेषा बोली. नहीं अश्लेषा अनिरुद्ध को कभी अपने साथ नहीं ले जाएगी. हमेशा उसे ये मत करकर वो मत करो बोलते रहते हैं. अश्लेषा चाट मत खाओ तबियत बिगड़ जाएगी! अश्लेषा फिल्म एक्टर्स पर इतना ध्यान मत दो. वो लोग तो पैसे कमा रहे हैं. तुम क्यों उनके चक्कर में अपनी पढाई बर्बाद कर रही हो? अश्लेषा बाबा से गुस्सा मत हो . उफ़! और तो और वो कॉन्सर्ट भी अपने ऑफिस पहनने वाली शर्ट और डेढ़ सौ रूपए की घड़ी और सौ रूपए के जूते पहनकर आ जायेंगे. पता नहीं किस ब्लैक एंड वाइट दुनिया में जीते हैं अनिरुद्ध. इसी वजह से कॉलेज के फर्स्ट ईयर में उससे कोई बात तक नहीं करता था. सब उसे बाबा आदम के ज़माने के अनिरुद्ध की बहनजी दोस्त कहकर चिढ़ाते थे.

कॉन्सर्ट ग्राउंड टाइम से दो घंटे पहले ही भीड़ से खचाखच भरा हुआ था. पूरे ग्राउंड में सिर्फ आर्यन आर्यन का नाम गूँज रहा था. और जैसे ही कॉन्सर्ट का टाइम हुआ, आर्यन तुरंत स्टेज पर आ गया.

"मैंने तो सुना था रॉकस्टार्स को अपना इंतज़ार करवाने की आदत होती है. मगर आर्यन तो मेरे मैथ्स लेक्चरर से भी ज़्यादा टाइम का पक्का निकला!"

मगर अश्लेषा ये सब सुन कहाँ रही थी. आर्यन की आवाज़ ने उस पर जैसे कोई जादू कर डाला था. एक पल के लिए उसे लगा जैसे आर्यन की हरी आँखें उस पर ही टिकी हुयी थीं. धत! पगली. इतने सारे लोगों में वो क्यों तुझे देखेगा अश्लेषा? तभी आर्यन ने उसकी तरफ अपना माइक वाला हाथ बढ़ाया. इससे पहले अश्लेषा कुछ कह पाती, एक दूसरी लड़की ने उसे धक्का देकर गाने के अगले बोल पूरे कर दिए. तभी आर्यन स्टेज से उतरकर लोगों के बीच आया. लड़कियां तो जैसे पागल हो गयीं. आर्यन ने अश्लेषा के बगल में खड़ी लड़की के साथ थोड़ा सा डांस भी किया. अश्लेषा तो टोस्ट की तरह जल भुन गयी.

कॉन्सर्ट ख़त्म होने के बाद अश्लेषा आर्यन के ऑटोग्राफ के लिए इंतज़ार कर ही रही थी कि किसी ने उसे पुकारा, "अश्लेषा इतनी लेट यहां बैकस्टेज क्यों रुकी हुई हो? तुम्हारे बाबा को कितनी फ़िक्र हो रही होगी पता है?"

"अनिरुद्ध?" अश्लेषा चौंककर पीछे मुड़ी. मगर वहां तो मास्क पहने आर्यन खड़ा था. पर पता नहीं क्यों, जिसकी आवाज़ और नाम के ज़िक्र भर से अश्लेषा के दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती थी और एक अजीब सी बेचैनी उसे घेर लेती थी, उसे देखकर अश्लेषा को नर्वसनैस तो दूर एक सुकून सा लगा.

"आर्यन? तुम कोंकणी लहजे में बात कर रहे हो? और मेरे लेट होने की चिंता तुम्हें क्यों हो रही है? और तुम्हें कैसे पता मेरा नाम अश्लेषा है?"

आर्यन ने एक पल अश्लेषा को ऐसे देखा जैसे वो उसे कुछ याद दिलाना चाह रहा हो मगर अश्लेषा समझ नहीं पा रही थी क्या? वो तो आर्यन से आज पहली बार मिली थी.

"वो, एक्चुअली, " आर्यन ने अपने दिल्ली वाले बेपरवाह लहजे में कहा, "तुम्हारे इतने लेटर्स मेरे मैनेजर के पास आते थे कि उसे तुम्हारी पूरी कहानी रट सी गयी है. उसी ने कभी तुम्हारे बारे में बताया होगा तो तुम्हारा नाम याद रह गया होगा."

"तो आपने मेरे किसी लेटर का जवाब क्यों नहीं दिया?"

"कम ऑन," अश्लेषा के नज़दीक जाकर आर्यन ने कहा, "तुम्हारे जैसी लाखों लड़कियों के फैन मेल्स आते हैं मुझे. कहाँ तक मैं एक एक का जवाब लिखते बैठूंगा. और कौन सा तुम भी तुम्हे चाहने वालों को हर बार प्रायोरिटी देती होगी? कभी तुमने भी तो किसी की आवाज़ को अनसुना किया होगा न?" आर्यन की आवाज़ में हलकी सी कड़वाहट घुली हुयी थी. मगर न जाने क्यों अश्लेषा को ये बात इतनी क्यों चुभी? आर्यन इतना कामयाब था और थोड़ा सा घमंड तो हर कामयाब इंसान पर जंचता ही है.

"कल से तुम्हारे तीन दिन के सावंतवाड़ी कॉन्सर्ट की लोकल कोऑर्डिनेटर मैं बनूंगी," अश्लेषा ने कहा.

"एक्सक्यूज़ मी?" आर्यन ने कहा.

"यहां तुम्हें हेल्प करने के लिए कोई लोकल बंदा तो चाहिए ही होगा...और सावंतवाड़ी को अश्लेषा से बेहतर कोई नहीं जानता.

तभी आर्यन से ऑटोग्राफ लेने के लिए लड़कियों का हुजूम उमड़ पड़ा और अश्लेषा को एक लड़की से धक्का लग गया. वो गिरने ही वाली थी कि आर्यन ने उसे थाम लिया.

"आराम से, अश्लेषा," आर्यन की हर चीज़ न जाने क्यों उसे किसी की याद दिला रही थी मगर किसकी? अश्लेषा टकटकी लगाए आर्यन को देख रही थी.

"अब क्या घंटे भर ऐसे ही रहने का इरादा है, अश्लेषा मैडम,"आर्यन फुसफुसाया, "आई डोंट वांट कि गॉसिप मैगजीन्स मुझे तुम्हारे साथ लिंकअप करें." कहकर आर्यन ने अश्लेषा को झटके ऊपर से उठाया और बाकी लड़कियों को ऑटोग्राफ देने लगा.

अश्लेषा आधे घंटे तक ऑटो का इंतज़ार करती रही मगर कोई ऑटो न दिखाई दिया. पास में कोई PCO भी नहीं था जो पांच रूपए का सिक्का डालकर अपने बाबा को तो फ़ोन कर लेती.

"अश्लेषा?" एक हेलमेट लगाए बाइक सवार उसके पास आकर रुका, "यहां अकेली सड़क पर क्यों खड़ी हो. कॉन्सर्ट ग्राउंड पर ही मेरा या काका का इंतज़ार करती. पता है मैंने तुम्हे बैकस्टेज कितना ढूंढ़ा ? "

"अरे अनिरुद्ध आपको तो मैंने अपने साथ कॉन्सर्ट ले जाने से तो मैंने मना कर दिया था. मुझे लगा आप मुझसे गुस्सा हो और मुझे लेने नहीं आएंगे? और बैकस्टेज मुझे क्यों ढूंढ़ रहे थे आप? आपको कैसे पता..."

अनिरुद्ध उसकी बात काटते हुए बोला, "अब स्टेज पर तुम्हारा वो आर्यन नहीं था और बाकी लड़कियां भी बैकस्टेज की तरफ जा रही थीं तो मुझे लगा तुम भी वहीँ होगी. और तुमसे चाहे मैं जितना गुस्सा हूँ अश्लेषा, जब भी तुम्हे इतनी सी भी परेशानी होगी, तुम्हारे आवाज़ दिए बिना ही मैं तुम्हारे पास आ जाऊँगा."

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