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याद आती है वह राते
जब हम तीनों
बेफिक्र बातें किया करते थे
में, तुम, और तुम्हारी सहेली
वो हमारे नाम से तुम्हें चिढ़ाया करती थी
और हम उसकी अदाओं पर दिल लगाया करते थे
आज न तुम हो
ना ही तुम्हारी सहेली
एक हमारा दिल ही है बस
बेचारा
जिसने कभी कोई और चाल न चली।
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