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हर गम को मिटाने का वादा न करो
यह झूठ अब हमें मंजूर नहीं,
इश्क अगर है तो मुस्कुराना सिखाओ
यह आँसू अब हमें कबूल नहीं।
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हर गम को मिटाने का वादा न करो
यह झूठ अब हमें मंजूर नहीं,
इश्क अगर है तो मुस्कुराना सिखाओ
यह आँसू अब हमें कबूल नहीं।
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