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मैं तुम्हारा गुलाब तो नहीं,
मगर तुम मेरा काटा बन जाओ,
चुभ भी गए तो कोई गम नहीं,
उस दर्द को मिटाने फिर तुम चले आओ।
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मैं तुम्हारा गुलाब तो नहीं,
मगर तुम मेरा काटा बन जाओ,
चुभ भी गए तो कोई गम नहीं,
उस दर्द को मिटाने फिर तुम चले आओ।
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