मंजिल है एक ही!
जवाबों में इतना उलझी रही
जाना मगर सवाल थे नही सही।
भावनाओं को व्यक्त करती रही
महसूस मगर किया ही नही।
बातें देने की मगर "मैं" छूटा था नही।
बदल तो नही गई,
मगर शूरुवात थी एक नई।
जमाना जालीम हो सकता नही
अगर रहते हो उसमे "निर्माणी" कई!
नातें दिलों के, खून के मगर ऐ था कुछ नया
साथ लड़तें हुए नाता था एक बन गया।
मतलब का भी मतलब ढूंढणा
सीमा में रहकर असीम एक सपना...
नौजवान साथ आएंगें, लड़ेंगें और जितेंगें भी
मार्ग, मूल्य, व्यक्तित्व भले ही एक नही;
मंजिल है एक ही, मंजिल है एक ही!
-About the process of "निर्माण"(NIRMAN is a youth initiative started by Dr. Abhay and Dr. Rani Bang to identify, nurture and organize the young change makers to solve various societal challenges.)
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