चलों सिखें जीना!

अजीब सी बात है ना
जहाँ सिर्फ बचे रहने की उम्मीद थी
वहाँ फ्रेंकल जीना सिख गएं |
और हमारें पास तो जीने की उम्मीद हैं
मगर हम केवल बचे रहने की फ़िराक़ में है ||

            ‌                 - Dedicated to the book "Man's search of meaning" by Victor Frankl.

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