बेबसी

हवाओ के साथ एक अरमान भेजा है,
झुकी नज़रों ने उनको एक पैगाम भेजा है,
फुरसत मिले तो कुबूल कर लेना,
इस नचीज ने आपको एक प्यारा सा सलाम भेजा है।

आंखों की जुबान ये आंसू कहते है,
जो चुप रहते है फिर भी बहते है,
इन आंसू की बेबसी तो देखिए,
यह उनके लिए बहते है जो इन आंखों में रहते है।

क्यों हमे किसकी तलाश होती है?
क्यों दिल को किसकी आस होती है?
चांद को देखो वो भी तनहा है,
जब की उसे चांदनी से रोज मुलाकात होती है।

रीशीका सिन्हा
(SavySagittarius)

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