इनायत

अब हर जगह तुम ही तुम हो,
अब हर जवाब मै तुम ही तुम हो,
यह आशिक हुआ दीवाने तुमपे,
अब हर इनायत मै तुक ही तुम हो।

गुलशन के फूलों से भी प्यारी है वो,
अजीब सी जमाल है वो,
बंदगी तो वोही है मेरी,
मेरी जिंदगी की इनायत बन गई है वो।

— रीशीका सिन्हा
(SavySagittarius)

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