(tr) between a prayer and a scream
a poem by ashok vajpeyi, translated from hindi
where you were
molding the universe
into a concise infinity like love
with your dancing body
can i keep a word there—
a combination of them that can be poetry?
your liberated solitude
is the illuminated sky
that any of my desire, my scream
cannot even touch!
there the past is a ray of light
and the future is a sudden flower:
the branches bloom into mudras
the mudras are a silent prayer
and music is a solitude,
rocks are flowers and flowers are rocks,
the body is an ocean
and the ocean is a sky
and the sky is a solitary scream
and the scream is a complete prayer.
i'm watching
the end approaching slowly:
the river meets the ocean unknowingly
the water returns
to time and desire—
for the first time i recognize
in the destructive desolation of words
a poem hidden between a prayer and a scream
that cannot be kept anywhere.
*
प्रार्थना और चीख़ के बीच
जहाँ तुम थीं
अपने नाचते शरीर से
अंतरिक्ष को प्रेम जैसे
एक संक्षिप्त अनंत में ढालते हुए
वहाँ क्या मैं रख सकता हूँ शब्द—
उनका कोई संयोजन जो काव्य हो सके?
तुम्हारा मुक्त अकेलापन
आलोकित आकाश है
जिसे मेरी कोई कामना, कोई चीख़
छू भी नहीं सकती!
वहाँ अतीत एक किरण है
और भविष्य एक अचानक फूल :
शाखाएँ कुसुमित होती हैं मुद्राओं में
मुद्राएँ एक नीरव प्रार्थना हैं
और संगीत एक अकेलापन,
चट्टानें फूल हैं और फूल चट्टानें,
शरीर एक समुद्र
और समुद्र एक आकाश
और आकाश एक अकेली चीख़
और चीख़ एक संपूर्ण प्रार्थना।
मैं देखता हूँ
धीरे-धीरे पास आते अंत को :
नदी एकाकार होती है समुद्र से अनजाने
जल लौट आता है
समय और कामना में—
पहली बार मैं पहचानता हूँ;
शब्दों के अवसाद में
प्रार्थना और चीख़ के बीच स्थगित
कविता
जो कहीं नहीं रखी जा सकती।
Bạn đang đọc truyện trên: AzTruyen.Top