बिन कुछ कहे

दिल का दरिया बह ही गया
इश्क़ इबादत बन ही गया
खुद को मुझे तू सौंप दे
मेरी ज़रूरत तू बन गया

बड़े दिनो बाद हवाओं में आज कुछ अलग सी खुशबू थी , जैसे कि रूह को छू कर जाए । जानी पहचानी कदमों की आहट सुन के , मेरे बढ़ते हुए कदम रुक गए। मुड़ कर देखा तो , देखता ही रह गया , जैसे फिल्मों में सुना था या खुद काम किया था वैसा आज सच में मेरा दिन थाम गया और सांसें रुक गई। तीन सालों बाद सिर्फ दस कदम दूर मेने उसे देखा। ऐसा नहीं था कि पहले वो खूबसूरत नहीं थीं पर आज उस लाल सारी में जैसे कयामत दिख रही थी , फिर भी पता नही क्यों ,वो मेरी नहीं लगी , शायद वो मासुमियत गुम थी।


वो जमीन पर से अपना कोई सामान उठा रही थी शायद इसलिए उसका लंबे काले बालों में उलझा हुआ खूबसूरत चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था। थोड़ा नीचे देखा तो उसकी सारी से झांकती कमर दिखी , अभिबि उतनी ही मूलायम पर थोड़ी सी , मोटी सी थी , जो पहले पतली हुआ करती , कितनी आसानी से वो मुझ में समा जाती थी । हवा भी मेरी ही तरह शरारती थी जो उसके खुली लटो को परेशान कर रही थी और मुझे उसका पेट दिखा रही थी जिसपे ना जाने कितनी मेरी सुकून भरी राते बीती होगी। उसे उलझन में देख कर मेरे कदम खुद उसकी और बढ़े तो चूड़ियों की खनकन ने रोक लिया। उसके बाल संवारते हातो की ओर देखा तो सच्चाई का ऐहसास हुआ , जो हाथ मेरे बालों को घंटो तक सहलाते थे , जो मुझे रोज खाना खिलाते थे , ना जाने दिन में कितनी बार मेरे चेहरे को छूते थे , आज लाल चूड़े से भरे हुए थे। 



सारी दुनिया के सवाल उस एक पल में आ गए। क्या आज भी वो हाथ मेरे लिए भगवान के सामने दुआ करते होंगे? क्या आज भी उसकी उंगलियां मेरे बालों को , गालों को याद करती होंगी? क्या अभि भी उसे याद होगा कैसे उसके हाथो के सिवा में खाना नहीं खाता था? । सवाल शांत हो गए जब उसका प्यारा सा चेहरा देखा जो मुझे सुकून देता था , वो गुलाब की पंखुरी की तरह कोमल गुलाबी होंठ जो मेरा नाम लेके थकते नहीं थे , जिन्होंने शायद मेरे हर एक जख्म को चूमा होगा और ना जाने कितनी बार मेरे होंठों से मिलकर हर बार उनकी चाहत बढ़ाई होगी , क्या वो आज मुझे पुकारते होंगे? क्या आज भी मेरी खुशी में वो खिलते होंगे ? क्या आज भी वो मेरी खुशी  दुआओं में मांगते होंगे?



सवाल बोहोत थे , पर जवाब सिर्फ वो। रसगुल्ले जैस उसके मुलायम गोलुमोलू गाल जिनको देख के तुरंत खाने का मन करे आज वो थोड़े ज्यादा बड़े लगे । उसकी छोटू सी नाक जो गुस्से में बड़ी प्यार से फूलती थी , आज भी वैसी ही थी , बड़ी प्यारी। मेरे कदम उसकी और बढ़े फिर एक बार रुकने के लिए । उसकी माँग में किसी और का सिंदूर देख के याद आया मेरी दुनिया उसी में रह गई पर उसने किसी और को अपनी दुनिया में शामिल कर लिया। पता नहीं कैसे उसने किसी और को वो माँग भरने का हक दिया , जिसे में चूमता था और डर उसके  सारे गुम हो जाते थे। प्यार था मेरा या बेवकूफी पता नहीं पर फिर भी पागल दिल ने सवाल उठाया क्या अभि भी वो मुझसे प्यार करती होगी? जवाब उसकी चूड़ियों और सिंदुर ने पहले ही दे दिया था , पर फिर भी मेरे गुस्ताख नयन उसके समंदर में झांकने का साहस कर बैठे।



उसकी आँखे अभि भी उतनी ही गहरी , काली , थोड़ी सी बड़ी। आज भि इंसान को उनमें डूबने को मजबुर कर दे वैसी ही थी , बिल्कुल हिरणी की तरह। में पागल था या वो सच था पता नहीं पर जब उसने मेरी और देखा , मेरा जहा खो गया , उसमे ही गुम हो गया । पता नहीं उसकी आंखो की कोई साजिश थी या मेरा सच । गौर से देखा तो पता चला आज भी उन आँखो के पन्नो पर मेरा ही नाम है। उनकी नमी शायद उसका सुकुन बाया कर रही थी या फिर उसकी बेबसी। हैरानी हुई जान कर की आज भी उसका आसु मेरा दिल गिला करता है।

बात दिल की नज़रों ने की
सच कह रहा तेरी कसम
तेरे बिन अब ना लेंगे इक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम



उसकी कोई माया थी या मेरी गुस्ताखी पता नहीं । उसकी आँखो में गुम दिल की आवाज सुन कर कदम आगे बढ़े तो सच्चाई ने ज़ोर सा थप्पड़ मारा । चातक पक्षी जैसे वर्षा के लिए तरसता है वैसे मेरी तरसती बाहे उसकी बाहों मे फिर से अपना सुकुन ढूंढती, उससे पहले किसी और को उसकी बाहों से बिलगते देखा। लगा था जब मैंने उसे अपने से दूर जाते देखा वो पल सबसे ज्यादा दर्दनाक था पर आज पता चला वो तो दर्द के नाम पे मज़ाक था , दर्द की गहराई और मेरी बेबसी तो अब पता चली ।



मेरे प्यार पे कलंक उसके पति को देख के लगा दुनिया में इस बंदर से ज्यादा भाग्यवान कोई नहीं। छलकती हुई मेरी आँखो ने फिर से उसकी नम आँखें देखी तोह महसूस हुआ उसके पति से ज्यादा बदकिस्मत कोई नहीं जिसकी बीवी आज भी मेरी प्रियसी है । एक पल के लिए भी उसकी आँखें मेरे चेहरे से हटी नहीं ।


तेरे बिन अब ना लेंगे इक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे साथ हो जाएँगे ख़तम
तुझे कितना चाहने लगे हम



एक दूसरे में गुम हकीकत से दूर हमें ऐहसास नहीं हुआ कि उसका पति भी वहां खड़े होके बेताबी से उसको कुछ कह रहा था। दिल के हाथों मजबूर उसने सारी बातें अनसुनी कर दी सिवा मेरे दिल की धड़कने , जो आज भी कहीं ना कहीं उसके लिए धड़कती हैं। मेरी धड़कनों को जवाब उसकी आँखें आसुओ से दे रही थी , जो बस बेबसी बाया कर रही थी।



गुस्से भरी कड़वी बातें सुन कर मेरी नजर शैतान पे पड़ी तो देखा जो मनमोहक मुलायम काया जो मेरे प्यार करने पर खिल उठती थी , आज वो उसके छूने पर कपकपा रही थी । जैसे उससे डर रही हो पर उसकी आँखें एक पल के लिए भी डरी नहीं और मेरी आँखो में प्यार ढूंढती रही जो शायद कभी ख़तम हुआ ही नहीं। सूरज की हल्की सी रोशनी में चमकता हुआ उसका सुनहरा बदन उस हारामी के जुल्मों से लाल हो रहा था। उसका कुसूर सिर्फ इतना था की आज भी मेरे आगे वो कुछ सुन और देख नहीं पायी।



हारामी के अत्याचार को बढ़ते हुए देखा जब वो उसके हाथ कसकर पकड़ कर हिला रहा था , पर अभी भी उसका ध्यान मुझे पे ही कायम था । उसका दर्द तकलीफ दे रहा था पर उसकी शादी के सात फेरो ने मेरे और उसके बीच के सात कदमों का फासला हमेशा के लिए बढ़ा दिया। उसकी शादी के सात वचनों ने मेरे सात कदम रोक लिए। जब लगा मेरा उसके ऊपर अब कोई हक नही तब उसने पलके झुका कर कह दिया मेरे सिवा उसने किसी को हक दिया ही नहीं।



बात दिल की नज़रों ने की
सच कह रहा तेरी कसम
तेरे बिन अब ना लेंगे इक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम



मेहज तीन मिनट में मेने जैसे अपनी ज़िंदगी वापिस देखली । पता नही तीन सालों का प्यार ज्यादा सच्चा था या फिर तीन सालों की जुदाई का गम गहरा था , जिसने उसकी तीन महने की शादी को भुला दिया। दुनिया का सबसे बडा सच शायद ही शादी हो पर इन्सान की सबसे बड़ी ताकत प्यार ही होता है।



उसके मुंह से निकली दबी सिसकार सुन कर पता चला कि उस हैवान ने मेरी सबर का बांध तोड़ दिया जब उसने उसके गालों पे थप्पड़ मारा । प्यार किसी का मोहताज नही और जबरदस्ती की शादी किसी गुलामी से कम नहीं । ज़िंदगी में पहली बार उसके पति ने  मुझे देखा होगा जब मैंने उसे पिछे से आवाज दी और सामने आकर उसकी मुलाकात सीधा जमीन से करवाई । मेरे हाथों ने उसको उसकी औकात दिखाई तो गुस्से ने लगभग जन्नत का रास्ता ।



पता नहीं ,सबसे ज्यादा गलत कोण था ? , तीन सालों पहले उसे छोड़ने वाला में ? या जो तीन साल का प्यार था उसे भुलाकर किसी और से शादी करने वाली वो ? या फिर हमारी एक दूसरे में उलझी हुई ज़िंदगियों को अलग और जुदा करने वाला उसका पति?। किस्मत और लकीरों की उलझन ज़िंदगियां कैसे बदलती हैं  , हम से बेहतर शायद ही, कोई और जान पाए। पल पल मरना और उसी पल में ज़िंदगी काटना मुझसे पूछो , जब उसकी शादी की खबर पढ़ी और देखी  तब पता नही कितनी लड़कियों में उसको ढूंढा और हर वक्त खाली हाथ लौटा । असर उसका कुछ  ऐसा था मुझ पर की शराब से ज्यादा नशीली तोह उसकी यादें थी ।


तेरे साथ हो जाएँगे ख़तम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तुझे कितना चाहने लगे हम


उसकी मुस्कुराहट और प्यार भरी आँखों ने मेरे सारे सवाल बंद कर दिए तोह उसकी बाहों ने सारे सवालों के जवाब दे दिए। तीन सालों बाद उसे गले लगाकर सुकुन क्या है फिर से महसूस  किया। उसकी बाहें जैसे मेरे दिल के रेगिस्तान को गिला कर रही थी जहा प्यार का बीज फिर से उगने लगा । खामोशिया बोल रही थी , अनकही बाते कर रही थी ,दिलो मे हजारों शिकायतें थी पर जवाब सिर्फ बेकाबू इश्क़ था । लोगो के प्यार की कहानियां होती है, हमने मोहब्बत की दास्तान बायान कर ली।



दोनों के भी आसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे । ख़ुशी और गम दोनो को एक साथ जो बया कर रहे थे । बिना कुछ कहे उसने अपने हाथ मेरी और बढ़ाए और उसके बिना कुछ बोले में समझ गया। एक एक उतरती चूड़ी के साथ फिर से वो तिनका तिनका मेरी हो रही थी । जब उसने अपना सर मेरे सामने झुका दिया तो पता चला आज भी लफ्जों से ज्यादा तो हमारे दिल बाते करते है और मेने उस हैवान की आखरी निशानी भी मिटा कर वापिस उसकी मांग को चूम कर उसे मेरा बना दिया।

इस जगह आ गयी चाहतें अब मेरी
छीन लूँगा तुम्हे सारी दुनिया से ही
तेरे इश्क़ पे हाँ हक़ मेरा ही तो है
कह दिया है ये मैने मेरे रब से भी

उसके सिंदुर से ज्यादा लाल तो मेरे प्यार का रंग था जो उसकी गालों पे सज रहा था। चूड़ियों से ज्यादा शोर तोह मेरी धड़कनों का था । उसके पति का नाम भले ही उसके नाम के आगे जुड़ गया हो पर मेरा नाम तो उसके साथ ही था , उसकी दिल की हर दीवार पे जो छपा था । गलत कहते है लोग की दुनिया में सबसे पवित्र बन्धन  शादी का होता हैं , क्योंकी मेरे प्यार ने साबित कर दिया दिल के बंधन से बड़ा कोइ नहीं जो जिस्मों को नहीं पर रूहों को जोड़ता है ।


मेने दुनिया भुला कर उसके आगे अपना हात बढ़ाया और उसने बिना किसी की परवाह किए उसे थाम लिया । रोते हुए में मुस्कुराया जब देखा की आज भी उसके लिए मेरे आगे कुछ नहीं । ऐसा नहीं था की मुश्किलों का एहसास नहीं था पर हर मुश्किल के पार मंजिल बनकर एक दूसरे का साथ दिखा , जो जिंदगी के लिए जरूरी था । आँखो में हमारे जितना प्यार था उससे कई ज्यादा शंकाए मन में थी । पर दिल को यकीन था हमारा प्यार हार नहीं सकता । हारेगा भी कैसे जिसने इतने इम्तिहान पार किए , दुनिया की रस्में कसमें भुला दी , एक दूसरे के लिए हर हद पार कर दी , और जब एक दूसरे के गलती के आगे जुदाई सही फिर भी ना हरा तो वो प्यार इतना कमजोर नहीं हो सकता की एक शादी के सामने झुक जाए।

जिस रास्ते तू ना मिले
उस पे हों मेरे कदम


उस दिन एक साथ बढ़े हुए कदम तीन महीने बाद फिर एक बार हर सामाजिक बंधन से मुक्त होकर एक साथ अपनी ज़िंदगी एक दूसरे के साथ नए तरह से शुरू करने के लिए खुशी से सजाए हुए और प्यार से भरे हुए मेरे घर मे पड़े और जब दरवाजे पर खड़ी मेरी मां ने हमारी आरती कर के उसे हमारे ज़िंदगी का हिस्सा बना लिया , तो मेरी बहन ने गले लगाकर अपनेपन का एहसास दिलवाया ।  बच्चों की मासुमियत और हसी ने घर की हसती खेलती खुशियों को बया किया , तो घर में आए मेहमानों और दोस्तो ने बड़े परिवार से ताल्लुक करवाया ।उसके चेहरे के हसी ने मेरे मन की खुशी पल भर भीं कम ना  होने दी ।


तेरे बिन अब ना लेंगे इक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे साथ हो जाएँगे ख़तम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तुझे कितना चाहने लगे हम


चांदनी भरी रात में उसकी सुनहरी काया चांद के साथ चमक रही थी । आज भी वो इतनी मनमोहक लग रही थी की ना मेरे कदम रुके ना अरमान । उसकी झुकी पलकों ने और शरमाती हुई अदाओने ने मुझे उसे अपना बनाने पे मजबूर कर दिया। उसने प्यार से मेरा माथा चुम कर प्यार की शुरूवात की तोह उसके होठों को चूस कर मेने करावा आगे बढ़ाया और खत्म हुआ उसमे खुदको को समा के , दो जिस्म एक जान बन कर। रात ने दो रूहों का मिलन देखा तो आने वाली सुबह ने आगे की खट्टी मीठी  जिन्दगी का स्वागत किया.......

ओ…

तुझे कितना चाहने लगे हम…

................. THE END................



How was the OS??



I haven't given name to characters , so name the characters.



If u found any mistake let me know because writing Hindi is really difficult than thinking in hindi. There are possibilities of mistakes in writing because I studied hindi only for 3yrs in school that too yrs back .



.................Aish ❣️.................

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