Chapter-3
दूसरी तरफ खुशी आईने के सामने खड़ीं खुद को निहार रही थी और चेतना उसके लिए चुनरी select कर रही थी |
“What you think, I'm looking sexy...?” खुशी ने बालो को बिखराते हुए नशीली आँखों के साथ पूछा |
“College के तमाशे भूल गयी, कितने झगड़े करवा चुकी थी वहाँ पर...?” चेतना बोली |
“पुरानी बाते छोड़, now tell me ? क्या दूल्हा मेरे एक look पे हर बात मानने के लिए तैयार हो जायेगा ?” खुशी ने गर्दन टेढ़ी करते हुए पूछा |
“अगर मैं लड़का होती तो..., शायद हाँ...|” एक पल सोचने के बाद चेतना ने जवाब दिया |
“क्या वो मुझे divoce भी दे सकता है ...?” खुशी अभी भी आईने को देख रही थी |
“First time से पहले तो शायद ना....|” चेतना मुस्कुराने के बाद “पहले शादी तो कर, divoce की बाद में सोच लेना |”
“What you think...., शादी क्यों की जाती है ?” खुशी चेतना की तरफ घुमती हुई “वो सब तो शादी के बिना भी होता है, और बच्चे, I don”t think so, उसमे भी शादी रोल निभाती है |”
“तू मुझसे ये सब क्यों पूछ रही है, मुझे क्या शादियों का experince है ?” चेतना ने परेशान होकर पूछा |
कुछ देर तक खुशी इसी बात के लिए मंथन करती रही |
“Come on, try this....|” चेतना ने एक गहरे लाल रंग के चुनरी खुशी की तरफ बढ़ा दी |
“”Hello gaeis....|” खुशी bed से कैमरा उठा खुद पर सेट करती हुई “What you think, शादी करना जरूरी है. I meen साडी life एक ऐसे रिश्ते में बंधना जो सिवाए घुटन के तुम्हें कुछ ना दे ?” Problems भरी आँखों को लिए सर से चेतना की डाली चुनरी हटाती हुई “I don”t think so....|”
“मेरी माँ पहन ले, वरना तूफान पूरे घर को हिला देगा |” चेतना ने कैमरा नीचे करना चाहा |
“And one more thing, what about love...?” बाद में याद आये एक idia की तरफ react करती खुशी “क्या ये possible है, शादी के बाद प्यार नाम का बिच्छू काटेगा ही नही...?”
“अरे प्यार करके शादी कर लेना मेरी माँ, पर...|” चेतना उसके लिए परेशान हो रही थी |
“बारात निकल चुकी है, दुल्हन को तैयार करने करने की किसी को फिक्र है भी या नही...?” अंजली की आवाज गूंजी |
“मरवाकर रहेगी तू खुशी....|” चेतना जल्दी – 2 शादी का जोड़ा लेकर खुशी के सामने खड़ी होती हुई “Please खुशी मान जा |”
“वैसे प्यार के बारे में तेरे क्या ख्याल है ?” कैमरा खुशी ने चेतना की तरफ घुमा दिया था |
“मुझे इस वक्त इतना ख्याल है, अंजली आंटी की डांट से कैसे बचा जाए ?” चेतना ने कैमरा खुशी के हाथ से छीन वापिस बेड पर पटक दिया |
खुशी अभी भी उसे किसी शंकी की तरफ देख रही थी |
“चल अब तैयार हो जा...|” चेतना ने उस पर कपड़े फेंक दिए |
“Yes sir, it’s conform....|” तेज किसी से मोबाईल पर बात करते हुए “We want just tonight....|” तेज बात को सुनने के बाद “Thanku sir...|” तेज कॉल कट करने के बाद “चलो ये काम तो पूरा हुआ, अब ये परम कहाँ मर गया ?”
अब तेज पकड़ में आ गया अंजली बजाज के |
“Shit यार...|” तेज खिसकने लगा |
“अरे सुनो...|” अंजली नाम भूल जाने के बाद तेज को इशारे से बुलाती है |”
पर तेज मौका देखते ही वहाँ से खिसक गया |
“पायल....|” शगुन की थाली ले जाटी पायल को देख अंजली ने आवाज लगा दी |
“जी मम्मी जी...|” पायल खुद उस तरफ बढ़ गयी |
“ये साड़ी तो...|” लाल रंग की रेशमी साडी जी देख अंजली इशारे के साथ “ये तो वही है ना जो पिछले हफ्ते showroom में देखती थी, उस डिजाईनर की ?” अंजली हैरानी में पायल को देख रही थी |
“आपने मुझे इस साड़ी की detail लेने के लिए रोका है ?” पायल ने बचते हुए सवाल बदल लिया |
“अरे हाँ, वो आलोक के पास जो सोने के सेट लाये थे, वो तेरे पास ही है ना...?” अंजली ने पूछा |
“जी मम्मी जी मैने...|” पायल ने बात पूरी भी नही की थी |
“तूने मुझे बताया क्यों नही....?” अंजली ने सवाल पूछ डाला |
“इसमें पूछना क्या था मैंने पहले ही आपके कमरे में पहुँचा दिए थे |” पायल बोली |
“पता है मैं कबसे परेशान हो रही हूँ...? कहीं चोरी – वोरी तो नही हो गये, वो आज – कल...|” अंजली बोल ही नही पायी थी |
“मम्मी जी मैं जाऊं, पंडित जी को थाली देकर आनी है ?” पायल ने बात काट दी |
पायल अपने गुस्से को दबा अंजली के आगे से निकल गयी |
“अरे इस साड़ी के बारे में तो बताती जा |” अंजली ने उसे रोकना चाहा |
To be continue......
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