Chapter 25 - Chandra (part 3)

Good Evening my dear friends,
Mujhe ummid hai ki aapne ab tak ki kahani padhali hogi aur aapko maza aaya hoga. To ab aage ki kahani janne ke liye taiyar ho jaye. I hope aapko ye bhag pasand aaye. Apne vichar aur pyar comments main barsana na bhulyega. ☺️🙏🏻💖

कहानी अब तक: पलक की ओर फिक्रमंद होकर देखते हुए, "किसने किस पर झूल्म किए ये तो समय ही बताएगा। लेकिन कहानी जारी रखने से पहले मैं जानना चाहता हूं कि क्या तुम आगे की कहानी सुनने के लिए तैयार हो?" मैंने आहिस्ता से सवाल किया।

अब आगे...

{•••••••••}•••{•••••••••}•••{•••••••••}

शनिवार दोपहर 12:50 बजे
मैं जानता था कि ये कहानी पिछली कहानियों से कई गुना ज़्यादा दुखद, दर्दभरी, और संजीदा थी। डर, लालच, विश्वासघात और... कई मासूम लोगों के खून में लिपटी एक दिल दहला देने वाली दास्तां। कई बेगुनाह लोगों की भयानक दर्दनाक चीखों से भरी, जो कहीं-न-कहीं पलक के मन में छुपे खौफ और डर को फिर से कुरेदकर हरा कर रही थी।
मेरे सवाल पर पलक की नज़रे मुझे हैरत से देख रही थी। वो अब भी बिल्कुल ख़ामोश थी।
"मेरा मतलब, क्या तुम ठीक हो?" इस कहानी का मैंने जितना सोचा था उससे कई गहरा प्रभाव तुम्हारे नाज़ुक मन पर पड़ रहा है, पलक। मुझे इसे हल्का करना होगा। मुझे तुम्हारी सोचने की दिशा को बदलना होगा।
"हां, मैं ठीक हूं। और जब तुम साथ हो तो मुझे क्या हो सकता है..." पलक ने सोफ़ा पर तनकर सीधे बैठते ही फिर से अपने लिखने की रफ़्तार बढ़ा ली। "तुम फिक्र मत करो। कहानी कंटिन्यू करो।" और एक झलक मेरी ओर देखते ही मुस्कुराहट के साथ कहा।
"एस यौर विश।" पलक का जवाब पाकर मुझे थोड़ी तसल्ली मिली। "जोगिंदर काका निसर्व को अपने गांव के बारे में बता ही रहे थे कि तभी निसर्व का सेल फोन बजने लगा।
'अरे यार निसर्व, एक बहोत बड़ी प्रॉब्लम हो गई है।' निसर्व के फ़ोन उठाते ही अविनाश ने हड़बड़ाते हुए कहा।
'क्या हुआ? कहीं डायरेक्टर सर को पाता तो नहीं चल गया? वो गुस्से में तो नहीं?' अविनाश की बात सुनते ही निसर्व परेशान हो गया।
'नहीं, वो गुस्सा नहीं। मगर जैसे ही उन्हें उस गांव के बारे में पता चला उन्होंने यहां शूटिंग करने का प्लान बना लिया। और सभी क्रू मेंबर्स को यहां ले आए।' अविनाश ने बताया।
'क्या सब लोग वहां पर है?!' निसर्व के हैरत भरे सवाल पर --
'हां।' अविनाश ने कहा।
'ठीक है। मैं आता हूं।' निसर्व ने कहते ही फ़ोन काट दिया। और उसे गहरी सोच में देखकर --
'क्या हुआ, साब? आप इतणे परेशान क्यों हो?' जोगिंदर काका ने वजह पूछी।
'वो लोग आपके गांव पहुंच गए हैं।' निसर्व ने बेचैन होकर कहा।
'क्या वो लोग सगरोन की बस्ती में है!' निसर्व ने अकरते हुए सर हिलाया। 'ये उन्होंने ठीक ना किया, साब। क्योंकि जो इंसाण सगरोन की बस्ती जावे है उसे भी वैदेही का
शाप लग जावे है। और जो कोई गांव ने छोड़ जाने का प्रयास करें है वो बेमौत मारा जावे है।' जोगिंदर काका के चैतावनी भरे गंभीर शब्दों को सुनते ही निसर्व के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। वो बिल्कुल हक्काबक्का रह गया।" मैंने कहानी जारी रखी।
"उनके डायरेक्ट की एक गलती के कारण इतने लोगों की जान खतरे में पड़ गई। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।" उन लोगों को लेकर पलक काफ़ी चिंता में थी। "चंद्र? तुम्हें क्या लगता है? उन सबका असली गुनहगार कौन है?" और तभी मेरी ओर देखते ही उसने धीरे से पूछा।

"कई बार असली गुनहगार को पहचानना मुश्किल हो जाता है। लेकिन उसका गुनाह हमेशा के लिए छुपा नहीं रह सकता। वो एक न एक दिन बेपर्दा हो ही जाता है।" जवाब देते हुए एक बार फिर उस मनहूस राजकुमारी की शक्ल मेरे सामने आ गई। और नैनावती के वो शब्द, 'निन्यानवा शिकार' मेरे जहन में ताज़ा हो गए और मैं काफ़ी बेचैन हो गया।
"चंद्र, फिर आगे क्या हुआ?" पलक की मद्धम आवाज़ मेरे कानों पर पड़ते ही मैं फ़िर हकीक़त में लौट आया।
उसकी ओर देखते ही, "निसर्व के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था। इसलिए वो भी जोगिंदर काका के साथ सगरोन की बस्ती जा पहुंचा। उनके गांव तक पहुंचते-पहुंचते अंधेरा हो चुका था। रात होते ही वहां का माहौल और भी डरावना हो गया था। दांत और हड्डियां ठंड और डर दोनों के ही कारण कांप रहे थे। इस खौफनाक माहौल के बीच गांव की सीमा में पैर रखते हुए निसर्व के पैर डर से कांप रहे थे। मगर हिम्मत जुटाते हुए उसने गांव की सीमा लांघ दी।
'निसर्व! अच्छा हुआ तू आ गया, यार। मैंने अजीत सर को समझाने की बहोत कोशिश की। मगर उन्होंने मेरी एक न मानी।' निसर्व को देखते ही अविनाश तुरंत उसके पास आया -- 'क्या बात है तू इतना टेंशन में क्यों लग रहा है?!' मगर निसर्व का रंग उड़ा चेहरा देखकर वो परेशान हो गया।
'मेरे भाई, डायरेक्टर सर ने बहोत बड़ी गलती कर दी। तुम सबको यहां नहीं आना चाहिए था।' निसर्व ने भारी मन से सारी हकीक़त अविनाश के सामने रख दी।" मैंने आगे बताया।
"निसर्व की बातें सुनने के बाद अविनाश परेशान हो गया। उसे इन बातों पर विश्वास नहीं था। मगर फिर भी वो गहरी चिंता में पड़ गया था। लेकिन निसर्व को इस बात की तसल्ली थी कि शूटिंग ख़त्म होने तक वो लोग वहीं रहने वाले थे। और तब तक वो इसका कोई उपाय ख़ोज निकलेगा।


उस रात डायरेक्टर अजीत के हुक्म पर उनके कुछ क्रू मेंबर्स गांव का मुआयना करने निकले -- जीन में निसर्व भी शामिल हो गया। पुरा गांव घूमते हुए वो कई लोगों से मिले, जिनके परिवार में कई रहस्यमय हादसे हो चूके थे। वो उन घरों में भी गए जिसके बारे में जोगिंदर काका ने बताया था। इसी दौरान वहां के लोगों ने बताया कि उस भयंकर रात के बाद गांव में अकाल पड़ा, फ़सल अच्छी होती तो भी वो अपनेआप सड़ जाती या उस में आग लग जाती। इतनी मेहनत के बाद भी उन गांव वालों की उतनी ही कमाई होती जिससे उनका मुश्किल से गुज़ारा हो सके। कुछ लोगों ने परेशान होकर गांव छोड़कर जाने की कोशिश की। मगर वो लोग ज़्यादा दिनों तक जी नहीं पाते। वो सब किसी न किसी कारण बेमौत मारे जाते।
इस बीच क्रू उस टेकरी पर भी गया जहां से वैदेही ने अपनी जान दी थी। वहां पहुंचने के बाद क्रू मेंबर्स अपना काम कर रहे थे तो वहीं निसर्व ने चोटी पर आगे जाकर नीचे देखा। तब जैसे ही निसर्व ने चोटी से नीचे देखा उसे अपने कानों में कुछ गुस्पुसाहट सुनाई दी, जैसे कोई उसके कानों में कुछ कहे रहा हो। और अगले ही पल उसे खाई में एक लड़की नीचे गिरती नज़र आई, जिसने लाल और हरे रंग के घाघरा चोली पहन रखे थे। निसर्व ने तेज़ी से झुककर उसे बचाने की कोशिश की। मगर तभी पीछे से किसी ने उसके कंधे पर हाथ रख कर उसे रोक दिया।" मैं बीना रूके कहानी केहता चला गया।
"डायरेक्ट ने ऐसा क्यूं किया!? उसे समझना चाहिए था -- एक उसकी बेवकूफी और लालच की वजह से इतने बेकसूर लोगों की जान पर आ बनी।" लिखते हुए बेचैन होकर पलक अपनेआप में कह गई।
पलक की वो बात सुनते ही चक्कर काटते हुए मेरी रफ़्तार अचानक थम गई। और मेरी नज़रे दूर कहीं शुन्यवकाश में ठहर गई। इसी के साथ नयनतारा पैलेस में घटी सभी भयानक घटनाओं की झलक मेरी आंखों के सामने से गुजर गई।

गे जारी...

•×•×•×•×•×ווווו×

डायरेक्टर अजीत चंदीला के इस फैसले का क्या होगा अंजाम?
कैसे जान पाएगा निसर्व इस गांव के सच को?
और क्या चंद्र हिफाज़त कर पाएगा अपने प्यार की?
जानने के लिए मिलते हैं अगले भाग में जो अब अगले साल हो publish होगा।
😅 माफ़ करे आपको डरा दिया...
अगले साल यानी 8 जनवरी 2023 को प्रकाशित होगा।

तो कैसा लगा ये भाग comment में ज़रूर बताएगा। उम्मीद करती हूं कि आपको ये भाग पसंद आया होगा। अपना प्यार, कॉमेंट और लाइक यहां पर ज़रूर दे। हर बार आपके फीडबैक मेरे लिए टॉनिक है।

तब तक सब्र रखें और साथ ही मेरी लेटेस्ट नोवेला 'My Dance Partner' के मेरी सभी नोवेल्स पढ़ते रहिए। मेरी सभी नोवेल्स एमेजॉन पर अवेलेबल है। जिसकी लिंक आपको मेरे प्रोफाईल डिस्क्रिप्शन में मिल जायेगी। ☺️

अगले अपडेट तक टेक कैर! सायोनारा...! 👋🏻💖
Keep Reading, Keep Wattpading.! 🤟🏻

Music can make your experience better.🎧

Bạn đang đọc truyện trên: AzTruyen.Top