Chapter 16 - Palak (part 3)

Hello friends, apology for delay. But now I'm here with another killer sensation mystery so don't skip anything and enjoy the Journey of paranormal world.
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"तो गौतम और पीयाली दोनों उस हादसे से बच निकले थे । लेकिन उस दिन के बाद उन दोनों की ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई । एक तरफ़ गौतम और पीयाली के बीच दोस्ती और प्यार गहराने लगा तो वहीं दूसरी ओर गौतम के अतीत की यादें वापस लौटने लगी ।" चंद्र ने कहानी सुनाते हुए कहा ।
"अतीत की यादें ? लेकिन उसके साथ ऐसा क्या हुआ था ?" अपनी जिज्ञासा शांत करने की कोशिश में मैं जल्दबाजी कर गई । लेकिन तब चंद्र की तेज़ नज़रे मुझ पर पड़ते ही मैं खामोशी से बैठ गई ।
मेरे सवाल को अनसुना कर चंद्र ने कहानी जारी रखी । "उस दिन के बाद गौतम के साथ काफ़ी अजीब घटनाएं होने लगी । एक दिन गौतम अपने कॉलेज के क्लासरूम में था । तब अचानक उसे कई सारे कुत्तों के भोकने की आवाजें सुनाई दी । उन कुत्तों के भोकने की आवाज़ से गौतम के सर में दर्द होने लगा था । लेकिन जब उसने अपनी चारों ओर नज़र घूमाई तो सब नॉर्मल था । उसके आसपास बैठे लोगों ने ऐसी कोई आवाजें नहीं सुनी । यहाँ तक के उसके दोस्तों और मैडम ने भी कोई आवाज़े नहीं सुनी थी । इसी तरह अगले दिन जब गौतम अपने दोस्तों के साथ रेस्टोरंट में बैठा था तब अचानक कहीं से उसे ऐसे ही कुत्तों की आवाज़े सुनाई दी । और इस बार गौतम ने बाहर जाकर चारों तरफ़ देखा । लेकिन रास्ते के किनारे तक पहुंचते ही अचानक सफेद कपड़े पहने एक जवान लड़का उसके सामने आ गया । गौतम उसे देखकर हैरान था क्योंकि उसके शरीर से एक अनोखा तेज, एक अनोखी रोशनी निकल रही थी । तब उस लड़के ने उससे कहा, 'मैं आकाश हूँ । मेरा समय ख़त्म हो गया है इसलिए मुझे जाना होगा । लेकिन जाने से पहले मैं अपने माँ - पापा से बस इतना कहना चाहता हूँ कि, मैं उनसे बहुत प्यार करता हूँ । लेकिन उन्हें कोई तकलीफ नहीं । और दिप्ती से कहना कि, हमारे बच्चे का नाम आयूस रखे ।' गौतम उस लड़के की बातें सुनकर हैरान था । वो समझ नहीं पा रहा था कि वो लड़का उसे ये सब क्यों बता रहा है । लेकिन गौतम उससे कोई सवाल नहीं कर पाया । अपनी बात कहते ही वो लड़का अचानक अदृश्य हो गया । गौतम ने हैरान होकर उसे चारों तरफ़ ढूंढ़ा । और तब गौतम ने उस लड़के को दूर चौराहे की दूसरी तरफ़ एक अजीबोबरीग आदमी के साथ जाते देखा । गौतम उस अनजान शख़्स को देखकर परेशान था । क्योंकि ना तो उसने इंसानों जैसे कपड़े पहने थे और नाहिं उसके पैरों में कोई जूते - चप्पल थी । उसके लंबे खूले बाल थे और उसने कमर से नीचे जानवर की खाल लपेट रखी थी । गौतम उन्हें लगातार देख रहा था पर तभी रास्ते से एक बस गुज़री । बस के जाते ही गौतम ने फ़िर उन दोनों को देखना चाहा । लेकिन वो आकाश और वो आदमी दोनों हैरतअंगेज ढंग से गायब हो चुके थे ।"
"लेकिन आकाश कौन था ?" मैंने हैरान होकर सवाल किया ।
"कुछ देर बाद चौराहे के दायी ओर पुलिस और एम्बुलेंस देखकर गौतम उनके पास गया । और तब वहां हुए बाईक एक्सिडंट में मारे गए लड़के की लाश देखकर वो डर गया । ये उसी लड़के की लाश थी, जिसे वो अभी दस मिनट पहले मिला था ।" चंद्र ने काफ़ी गंभीरता से कहा ।
"इसका मतलब गौतम जिससे मिला था, जिससे उसने बात की थी वो असल में मर चुका था ? और गौतम ने एक आत्मा से बात कर रहा था ?" अपने मन में उठ रही उलझनो को सुलझाने की चाह में मैंने चंद्र को टोक दिया ।
लेकिन गौतम के बारे में इस तरह की बातें सुनना मेरे लिए सच में दिल देहलाने वाला था । चंद्र की बात से मेरा दूसरी आत्माओ का डर सच्चाई में तब्दील होता नज़र आ रहा था, जिससे मुझे काफ़ी बेचैन कर दिया ।
"हाँ । आकाश मर चुका था । गौतम इस घटना को लेकर बहुत परेशान था । उसे इन बातों पर यकीन नहीं हो रहा था । उसे लगा जैसे ये उसका भ्रम है । यहीं सोचकर उसने ये बातें सबसे छुपाये रखी । तब एक रात गौतम ने बहुत डरावना सपना देखा । उसने देखा कि, 'उनके कोई रिश्तेदार उनके घर मिलने आये हैं । वो लोग अपने बेटे की शादी को लेकर काफी ख़ुश थे । लेकिन तब अचानक उन अंकल को हार्टअटेक आ गया और उनकी मौत हो गई ।' आंखें खुलने पर गौतम बहुत परेशान था । कुछ दिन यूही बीत गए । और एक दिन कॉलेज से लौटने पर गौतम ने उन्हीं अंकल - आंटी को अपने घर में बैठकर अपनी माँ से बात करते देखा, जिन्हें उसने सपने में देखा था । उन्हें अपने सामने देखकर गौतम बिल्कुल हैरान था । उसने देखा कि, उन अंकल - आंटी ने कपड़े भी वहीं पहने थे, जो वो सपने में देख चुका था । तब अचानक गौतम को फ़िर वहीं कुत्तों के भोकने की आवाज़े सुनाई देने लगी । इस बार वो जान गया था कि, कुछ होने वाला है । और तभी अचानक उन अंकल की तबियत खराब होने लगी । उनके सीने में तेज़ दर्द उठने लगा । लेकिन गौतम पहले ही इस बारे में सावधान हो चुका था । इसलिए उसने तुरंत एम्बुलेंस बुलवायी और उनकी जान बच गई ।" चंद्र बिना रुके लगातार बोलता रहा ।

अपने बीते दिनों की याद में, "अच्छा हुआ उनकी जान बच गई । कम से कम गौतम की ये डरावनी शक्तियां किसी की जान तो बचा सकी ।" मैं अपने दिल की बात कहे गई ।
मेरे तरफ़ मुड़ते ही, "हाँ, उनकी जान बच गई । लेकिन गौतम की ये शक्तियां भी उन्हें ज़्यादा दिनों तक जिंदा रखने में नाकाम रही ।" चंद्र ने, "कुछ दिनों बाद उनके घर फ़ोन आया कि, 'उस अंकल के बिज़नेस पार्टनर ने पैसे की लालच में आकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी । इस हादसे के बाद गौतम काफ़ी परेशान रहने लगा । लेकिन इन मुश्किल दिनों में पीयाली ने उसका साथ नहीं छोड़ा बल्कि वो गौतम के औऱ नजदीक आती गई । पीयाली गौतम को अच्छी तरह समझने लगी थी । उसे गौतम के इस अनोखे गुणों की कोई भनक नहीं थी । पर वो ये ज़रूर जानती थी कि, गौतम किसी बात को लेकर परेशान है । पीयाली बस किसी तरह उसके मुड़ ठीक करना चाहती थी । वो बस फ़िर उसे ख़ुश देखना चाहती थी । तब बदलाव के लिए पीयाली गौतम को अंजाने में उसी जगह ले आयी, जहाँ गौतम का पुराना घर था । वहां घूमने से और पीयाली के साथ वक्त गुज़ारते हुए, गौतम कुछ हद तक अपनी परेशानी को भूलकर फ़िर से अपनी आम जिंदगी जीने की कोशिश करने लगा । लेकिन ये ख़ुशी भी गौतम का उसके अतीत से सामना होने से नहीं रोक पायी ।" बिना रुके कहानी जारी रखी ।
"क्या उसे वो सब याद आ गया, जो उसके आईं - बाबा तक भूल चुके थे !" एक बार फ़िर परेशानी और उतावलेपन में मेरे मुंह से निकल गया ।
"नहीं ।" मुझे देखते ही, "लेकिन, गौतम का सामना फ़िर एक बार उन साधु बाबा से हो गया, जिन्होंने उसे ठीक किया था ।" चंद्र ने गंभीरता कहा ।
"उन साधु बाबा ने गौतम को देखते ही पहचान लिया और उसे अपने पास बुलाया । उन बाबा ने गौतम से माफ़ी मांगी । और कहा कि, 'उन्होंने एक बहुत बड़ा राज़ उसके आईं - बाबा से छुपाया है । जब गौतम छोटा तब वो दोनों उसे लेकर उनके पास गए थे । तब गौतम के सर पर हाथ रखते ही वो जान गए थे कि, गौतम लोगों की मौत देख सकता है । वो मौत की आहट सुन सकता है । और बचपन में गौतम के रोने का कारण भी यही ख़ास शक्तियां थी ।' तब साधु बाबा की बात सुनकर उसे एहसास हुआ कि, उसके साथ जो घटनाएं घट रही थी वो असल में क्या थी । और उसने सवाल किया कि, इस तरह की शक्तियां उसे ही क्यों मिली थी । तब साधु बाबा ने बताया कि, 'गौतम एक ऐसा लड़का था, जिसने मौत को काफ़ी करीब से देखा था । जन्म से पहले ही वो मौत के मुँह में जाकर भी बच निकला था । वो एक ऐसा लड़का था, जिसने जन्म से पहले ही मौत को हरा दिया था । और मौत को छूकर बच निकलने के कारण गौतम को ये ख़ास शक्तियां मिली थी । वो बचपन से मौत की आहट सुन सकता था । उस पारलौकिक चीज़ों को देख सकता था । लेकिन एक बच्चा इन ख़ास शक्तियों को संभालने के काबिल नहीं था । इसलिए साधु बाबा ने उसकी यादों को मिटा दिया, जिस वजह से वो भूल चुका था कि, वो मौत के इतना करीब जा चुका था । लेकिन गौतम के बड़े होते-होते उसकी शक्तियां उस पर हावी होने लगी ।' अपने अतीत के बारे में जानने के बाद गौतम और पीयाली वापस अपने शहर लौट आए ।" चंद्र बिना रुके मुझे कहानी सुनाता रहा ।
बिल्कुल मेरी तरह गौतम ने भी मौत को करीब से देखा था । मौत उसे छूकर निकली थी । लेकिन वो गौतम को नुकसान नहीं पहुंचा सकी, जिस वजह से वो आत्माओं को देख सकता था । उनसे बात कर सकता था । बिल्कुल उसी तरह, जैसे आज मैं चंद्र के साथ बात कर सकती थी । और शायद यही वजह थी कि, आज मैं चंद्र को महसूस कर पा रही थी । उसे देख पा रही थी ।
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And this video along with chapter, has been made by myself. So please join my YouTube channel (B. Talekar) for more exclusive videos. 🎥📹
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B. Talekar 💜

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