Chapter 12 - Palak (part 1)

Hello everyone,
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Happy Halloween from #TheDarkDekken & PalakChandra
Enjoy the story which perfectly fit in your Halloween Party.. 🎃👻🎆🎇🍔🍡🍜🍨🍬🍭🍪🍫
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गुरुवार, सुबह 10 : 30 बजे ।
चंद्र से मिलने के बाद मैं सलोनी के साथ ऑफ़िस जाने के लिए निकल गई । पर मुझे चंद्र को अपने पीछे इस तरह अकेले छोड़ना अच्छा नहीं लगा ।
कांश मैं चंद्र को भी अपने साथ ले जा पाती । लेकिन हर बार अपनी जरूरतों के लिए उसे परेशान करना सही नहीं था । इसलिए मैं चुपचाप आगे बढ़ गई । लेकिन, आज ऑफ़िस जाते समय मैं पहले से अच्छा महसूस कर रही थी ।
अपने परिवार से दूर होने का ज़ख्म अब भी बिल्कुल हरा था । लेकिन, आज ना तो मुझे कोई खौफ़ डरा रहा था और नाहिं मुझे कमज़ोरी महसूस हो रही थी । आज मैं जैसी भी थी पहले से बेहतर महसूस कर रही थी । और शायद इसकी वजह चंद्र ही था ।
नयन तारा महल.. सबके लिए मौत का डरावना साया था । लेकिन चंद्र.. वो ऐसा बिल्कुल नहीं था । शायद उसी से मिले डर की वजह से मैं आज फ़िरसे जीने की हिम्मत कर पा रही थी । शायद मौत के क़रीब जाकर ही इन्सान जिंदगी की किमत समझ सकता था । लेकिन इस सच्चाई को समझने के लिए मुझे दो बार मौत के क़रीब से होकर गुज़रना पड़ा ।
लेकिन अब तीसरी बार मिली इस जिंदगी को मैं युंही नहीं जाने देना चाहती थी। मैं अपने लिए ना सही, लेकिन दूसरों के लिए कुछ अच्छा करना चाहती थी, जिससे जब मैं अपने आई-बाबा और भाई के सामने जाऊँ तब उन्हें मुझे देखकर गर्व हो।
और इसी एहसास की वजह से आज पहली बार यहां, इस ऑफ़िस में काम करते हुए मुझे गर्व महसूस हो रहा था । जब मे'म और सलोनी मुझ पर भरोसा कर सकते हैं तो मैं भी ख़ुद पर भरोसा कर सकती थी ।

दोपहर 1 : 00 बजे ।
दोपहर लंच ब्रेक की घंटी बजते ही ऑफ़िस फाईल्स को एक तरफ़ कर मैं और सलोनी केंटिन पहुंचे ।
लेकिन आज भी केंटिन में सबके सामने जाते हुए मुझे घबराहट हो रही थी । दूसरे लोगों की नज़रें मुझ पर पड़ते ही मुझे काफ़ी अजीब-सा लग रहा था । कांश इस समय चंद्र यहाँ होता । तो मेरी घबराहट अपनेआप गुम हो जाती ।
मगर हमेशा की तरह आज मैं वहां से भागना नहीं चाहती थी । आज मैं वही केंटिन में रहकर अपने इस डर का सामना करना चाहती थी । इसलिए अपनी इस घबराहट के बावजूद मैं सलोनी के साथ वही बैठी रही ।
सलोनी ने मेरी तरफ़ देखकर, "क्या बात है ! आज मैं तुम्हे सुबह से देख रही हूँ । तुम आज हमेशा से कुछ बदली हुई लग रही हो ।" मुस्कुराते हुए कहा ।
मैंने सलोनी की तरफ़ देखते ही, "नहीं, ऐसी.. कोई बात नहीं । वो.. असल में, इतने दिनों से थकान की वजह से मुझे कमज़ोरी महसूस हो रही थी । लेकिन अब मैं बिल्कुल ठिक हूँ ।" सच छुपाते हुए हड़बड़ाहट में धीरे से कहा ।
"जो भी हो, लेकिन तुम्हे खुश देखकर मैं भी बहुत खुश हूँ ।" खुशी से मुस्कुराते हुए, "कमसे कम अब तुम अपनी नॉर्मल लाईफ़ जिने की कोशिश कर रही हो । यही मेरे लिए बहुत है ।" सलोनी ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा ।
हल्की-सी मुस्कुराहट के साथ, "और मैं भी खुश हूँ, कमसे कम.. मैं तुम्हें एक खुशी तो दे पायी ।" मैंने अपना दूसरा हाथ उसके हाथ पर रखकर धीरे से कहा ।
"तब तो आज सेलिब्रेसन होना ही चाहिए । तुम पांच मिनट रूको मैं अभी केक, पेस्ट्रीस, चीप्स, पेटिस और ज्यूस सब लेकर आती हूँ ।" खुश होकर कहते ही सलोनी अपनी जगह से उठकर जल्दबाज़ी में आगे बढ़ गई ।
सलोनी के जाते ही कुछ पलों बाद, "हेलो, पलक । तुम यहां अकेली क्या कर रही हो ?" अचानक आर्या ने मेरे पीछे से आकर कहा ।
उसकी आवाज़ सुनकर बेचैन होकर पीछे मुड़ते ही, "न..हीं, व..वो सलोनी ऑडर देने गई है ।" मैंने जवाब देते हुए धीरे से कहा ।
मैं वहां कई अंजान लोगों की भीड़ के बीच अकेली थी । और ऐसे में आर्या का वहां आना मुझे और भी ज़्यादा बेचैन कर रहा था । अब बस सलोनी जल्दी वापस आ जाएं, मैं बस यही चाहती थी ।
वापस आते ही, "हेय, अच्छा हुआ तुम भी यहां आ गये । तुम भी हमें जोईन कर सकते हो ।" सलोनी ने आर्या को देखकर मुस्कुराते हुए कहा ।
तब अचानक आर्या ने जल्दी से सलोनी के हाथ से खाने की ट्रे लेते हुए, "अरे..! थेंक्स..! यार तुम मेरे लिये इतना सारा खाना ले आई । वैसे भी मुझे बहुत भूख लगी थी ।" शरारती मुस्कराहट के साथ मज़ाक़ में कहा और मेरे साथ वाली कुर्सी पर बैठ गया ।
"हंहम..! वेरी फनी ।" आर्या की इस हरकत से चिड़कर मेरी सामने वाली कुर्सी पर बैठते ही, "लेकिन मिस्टर. हंग्रू ये तुम्हारे लिये नहीं है, समझे । तुम्हे चाहिए तो ख़ुद जाकर ले आओ ।" सलोनी ने शरारत भरी मुस्कुराहट के साथ कहा और ट्रे फ़िर अपनी तरफ़ खीच ली ।
मैं उनकी दोस्ती देखकर काफ़ी खुश थी । लेकिन मैं.. अपनी खुशी ज़ाहिर नहीं कर पा रही थी और नाहिं मैं उन दोनों के साथ घुल पा रही थी । सलोनी और आर्या दोनों बहुत अच्छे थे लेकिन किसी वजह से मैं ख़ूदको उनसे काफ़ी अगल महसूस कर रही थी । हमारे साथ हुए एक्सिडंट में अपने पूरे परिवार को खोने से मेरे सभी रिश्तें ख़त्म हो गए थे । और शायद इसी कारण अब मैं किसी के साथ कोई रिश्ता नहीं जोड़ पा रही थी ।
लेकिन कई महीनों बाद आज पहली बार मैंने किसी के साथ बैठकर खाना खाया था; मैं अपनी इस हिचकिचाहट को दूर करने की कोशिश में कामयाब रही थी । मगर मैं ये नहीं कह सकती थी कि इस सब में मैं भी उतनी ही खुश थी या नहीं । लेकिन इस एक कोशिश की वजह से मुझे सबके सामने आने की थोड़ी हिम्मत ज़रूर मिली थी । और अब मैं पहले से बेहतर महसूस कर रही थी ।
ज़िन्दगी जीने की इस नयी कोशिश के चलते हमारा लंच टाइम ख़त्म हो गया और हम सब अपने ऑफ़िस पहुंचकर एक बार फ़िर अपने काम में लग गए ।
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1) Your Favorite characters from my books, why?
2) What will you do if you would on Palak's place ?
3) Is that good or bed whatever Palak is thinking about her friends & Chandra?

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