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है तू राही एक
राह से ही राहत तुझे
चाहे फिर गुमराह ही क्यों नहीं
यह राह तेरा इश्क है

इससे ही है सुकुन तेरे रुह को
तू चल
किस लिए रुका है तू
आखिर तू बस एक राही है

~ a friend

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